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कांडला एफटीडब्‍ल्‍यूजेड़ प्रोजेक्‍ट के बारे में संक्षिप्‍त जानकारी

 

(1) कांडला स्‍पेशल इकोनॉमिक जोन(केएएसईजेड़) ने मार्च 2007 में 30 वर्षों की लीज़ अवधि के लिए कांडला एफटीडब्‍ल्‍यूजेड़ प्रोजेक्‍ट के लिए आईडब्‍ल्‍यूकेपीडीपीएल को 100 एकड़ जमीन अलाट की थी ।

(2)   इस भूमि के आकार को 03 मार्च 2010 को 100 एकड़ से घटाकर 75 एकड़ कर दिया था।

(3)   वर्ष 2009-11 के दौरान बार-बार टेंडर जारी करने, तथा प्रोजेक्‍ट को भौतिक रूप से तैयार करने के लिए रणनीतिक भागीदार का चयन करने के बावजूद कानूनी तथा तकनीकी मुद्दों के कारण इस प्रोजेक्‍ट को पूरा नहीं किया जा सका।

(4)   एफटीडब्‍ल्‍यूपीएल के निदेशक मंडल ने अपनी 30 नवंबर, 2012 को आयोजित बैठक में निम्‍नलिखित का अनुमोदन किया था :-

(ए)   प्रोजेक्‍ट का तीन चरणों में क्रियान्‍वयन करना।

(बी)   चरण-1 को प्रोजेक्‍ट एसपीवी के माध्‍यम से आईएलएण्‍डएफएस-वाणिज्‍य विभाग फंड(डीओसी फंड) से तत्‍काल ऋण लेकर कार्यान्वित करना।

(5)   आईडब्‍ल्‍यूकेपीडीपीएल ने ऋण फंडिंग के लिए अप्रैल 2013 में डीओसी फंड को अपना आवेदन दिया था।

(6)   डीओसी फंड की प्रोजेक्‍ट डवलेपमेंट कमेटी ने 18 जून 2014 को आयोजित अपनी बैठक में कांडला एफटीडब्‍ल्‍यूजेड़ प्रोजेक्‍ट की फंडिंग के प्रस्‍ताव पर विचार किया। अपर सचिव (वाणिज्‍य) की अध्‍यक्षता में आयोजित पीडीसी में विचार विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि डीओसी के अधीन किसी भी नए प्रोजेक्‍ट की फंडिंग पर विचार करना उचित नहीं होगा तथा यह सलाह दी कि अब प्रोजेक्‍ट क्रियान्‍वयन के लिए तैयार है, अत: एमएमटीसी तथा आईएलएण्‍डएफएस मिलकर फंडिंग के उपयुक्‍त स्रोत का पता लगाएंगी जिसका जरिया इक्विटी अथवा बैंक द्वारा वित्‍त पोषण हो सकता है।

(7)   इसके बाद सीएमडी(एमएमटीसी) तथा सीईओ, आईएलएण्‍डएफएस के बीच 14 जुलाई 2014 को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रोजेक्‍ट एसपीवी निम्‍नलिखित कार्यों को पूरा करेगा जिसके लिए अतिरिक्‍त पीडीएफ अंशदान के लिए एमएमटीसी तथा आईएलएण्‍डएफएस आईआईडीसी फंड 10-10 मिलियन रूपए का योगदान करेंगे :-

(ए) मास्‍टर प्‍लान का अनुमोदन

(बी) साईट लेवलिंग तथा फेंसिंग

(सी) प्‍लाट्स की लीज के लिए ईओलएल जारी करना 

(8)   जुलाई 2014 में साईट के विकास कार्यों तथा आर्किटेक्ट की नियुक्ति के लिए टेंडर्स आमंत्रित किए गए। 04 सिंतबर 2014 को आर्किटेक्ट नियुक्‍त किया गया तथा 19 सिंतबर 2014 को साईट के विकास कार्य शुरू किए गए।

(9)   एसईजेड़ के बोर्ड ऑफ अप्रूवल्‍स(बीओए) ने दिनांक 18 सिंतबर 2014 को दिल्‍ली में आयोजित अपनी बैठक में प्रोजेक्‍ट एसपीवी को प्रदान की गई औपचारिक मंजूरी को निरस्‍त कर दिया जिसकी जानकारी हमें 26 सिंतबर 2014 को मिली। प्रदत्‍त मंजूरी को इस आधार पर निरस्‍त किया गया था कि एसपीवी ने प्रोजेक्‍ट के विकास कार्य में संतोषजनक प्रगति नहीं की है। तथापि, एसपीवी को इस बारे में न ही कोई नोटिस जारी किया गया और न ही उसे इस मामलें में अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया।  

(10) अक्‍टूबर 2014 में बीओए के समक्ष को-डवलेपर अनुमोदन की बहाली के लिए कानूनी अपील दायर की गई। बोर्ड ने दिनांक 19 मई 2015 को आयोजित अपनी बैठक में मामले पर उनके पक्ष में विचार किया। इस निर्णय को जून 2015 के तीसरे सप्‍ताह में मिनट्स के माध्‍यम से नोटिफाइ किया गया। अक्‍टूबर 2014 से जून 2015 तक की इन्टर्रेग्नम अवधि के दौरान आईडब्‍ल्‍यूकेपीडीपीएल को भूमि पर कार्य करने की अनुमति नहीं थी अत: प्रोजेक्‍ट का विकास कार्य नहीं हो सका।

(11) को-डवलेपर अनुमोदन की बहाली के बाद केएएसईजेड़ अथारिटी से मास्‍टर प्‍लान के अनुमोदन के लिए एप्रोच किया गया। दिनांक 05 जनवरी 2016 को अनुमोदन प्रदान किया गया।

(12) इसके तुरंत बाद साइट विकास कार्यों को फिर से शुरू किया गया। निम्‍नलिखित कार्यों को 30 जून 2016 तक पूरा किया गया :-

(ए)   घास-फूस को साफ करना तथा भूमि को समतल करना ।

(बी)  2.8 कि.मी. सड़कों के लिए भूमि चिह्नित करना तथा सब-बेस लेयर बनना(0.5 कि.मी. फाइनल लेयर तक रोड का काम पूरा कर लिया गया था) । 

(सी)  एफटीडब्‍ल्‍यूजेड़ की चार दिवारी बनाना।

(डी)  आम प्रयोग के लिए सुविधा(वर्क स्‍टेशन तथा कॉन्‍फ्रेंस सुविधा सहित)।

(ई)   बागवानी कार्य। 

(13) केएएसईजेड़ अथारिटी ने दिनांक 07 जून 2016 को विकसित प्‍लाट्स के लिए सब-लीजिंग रेट का अनुमोदन किया। 2.75 एकड़ के दो प्‍लॉटों (40 प्‍लाट्स में से) लीज़ मिल गई है (लीज़ योग्‍य कुल 57 एकड़ एरिया में से)। 3600 वर्ग मीटर के एक और प्‍लाट को सब-लीज़ दी जा रही है। शेष प्‍लॉटों को भी सब-लीज कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।             

(14) एफटीडब्‍ल्‍यूपीएल के बोर्ड ने अपनी दिनांक 29 अगस्‍त 2016 को आयोजित बैठक में एफटीडब्‍ल्‍यूजेड़ यूनिट को शुरू करने के लिए बिजनेस प्‍लान का अनुमोदन प्रदान किया है ताकि इसे लीजिंग के लिए थर्ड पार्टी ग्राहकों को लीज़ पर दिया जा सके। एफटीडब्‍ल्‍यूजेड यूनिट के रजिस्‍ट्रेशन तथा वेयर हाऊसिंग इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के निर्माण संबंधी आरंभिक कार्य किए जा रहे हैं।

(15) यूनिट स्‍थापित करने के लिए प्रोजेक्‍ट एसपीवी के आवेदन को डीसी, केएएससीजेड़ ने दिनांक 15.11.2016 को आयोजित अपनी बैठक में अनुमोदित किया है। क्‍लोज्‍ड वेयरहाउस के लिए डिजाइन सर्विस सेवाएं उपलब्‍ध कराने हेतु दिनांक 23.।2.2016 को आर्किटेक्‍ट की नियुक्ति की गई है। वेयर हाउसिस निर्माण के लिए निर्माण ठेकेदारों का पैनल तैयार करने की प्रक्रिया जारी है।

(16) एफडीएफसी बैंक ने 25 अक्‍टूबर 2016 को 27 करोड़ रुपए की क्रेडिट सुविधा प्रदान करने के संबंध में सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है (जो 3 चरणों में दिया जाएगा)।     

 


 

हल्दिया प्रोजेक्‍ट

 

  1. एमएमटीसी लिमिटेड तथा आईएलएण्‍डएफएस ने वर्ष 2005 में देश के विभिन्‍न स्‍थानों पर संयुक्‍त रूप से फ्री ट्रेड वेयर हाउसिंग ज़ोन विकसित करने का निर्णय लिया था। इसी प्रकार का एक संयुक्‍त उद्यम फ्री ट्रेड वेयर हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड (एफटीडब्‍ल्‍यूपीएल) मार्च 2005 में निगमित किया गया था।
  2. पहचान किए गए स्‍थानों में से एक स्‍थान जहां पर एफटीडब्‍ल्‍यूजेड स्‍थापित करना था वह पश्चिम बंगाल के हल्दिया में है। इस उद्देश्‍य के लिए एफटीडब्‍ल्‍यूपीएल की 100 प्रतिशत की सहायक कंपनी हल्दिया फ्री ट्रेड वेयर हाउसिंग प्राइवेट के नाम से निगमित की गई थी।
  3. भारत सरकार के बोर्ड ऑफ अप्रूवल्‍स ने वर्ष 2008 में हल्दिया एफटीडब्‍ल्‍यूजेड स्‍थापित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी थी।
  4. वर्ष 2008 में हल्दिया डवलेपमेंट अथारिटी(एचडीए) ने प्रोजेक्‍ट के लिए 200 एकड़ भूमि आवंटित की थी। तथापि, अलाटमेंट में समय भूमि के लिए लीज़ डीड निष्‍पादित नहीं की गई।
  5. एसईजेड़ के बारे में राज्‍य सरकार की पॉलिसी में परिवर्तन होने के परिणाम स्‍वरूप एचएफटीडब्‍ल्‍यूपीएल ने डोमेस्टिक टैरिफ एरिया में कार्गो हब प्रोजेक्‍ट विकसित करने का निर्णय लिया जो एसईजेड एक्‍ट 2005 की परिधि के बाहर था।
  6. पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने पत्र संख्‍या 752-टी सीएण्‍डपी/सी-2/आईएच8/ 2007 दिनांक 23 अप्रैल 2013 द्वारा मौजा चाक्डविपा, जिला पूरबा मेदिनीपुर में 197.84 एकड़ भूमि के लिए लीज़ डीड निष्‍पादन को मंजूरी प्रदान की थी।
  7. लीज डीड 16 दिसंबर 2013 को निष्‍पादित की गई तथा एचडीए के माननीय चेयरमैन ने 22 फरवरी 2014 को प्रोजेक्‍ट का शिल्‍यानाश किया था ।
  8. अप्रैल 2014 में चार दिवारी का निर्माण कार्य शुरू हो गया था। निर्माण कार्य शुरू होते ही स्‍थानीय गांव वालों ने निर्माण कार्य का विरोध किया। तथापि, इस विवाद को बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया था तथा कार्य ने गति पकड़ ली थी।
  9. फरवरी 2015 तक 3000 मीटर चार दिवारी का निर्माण कार्य पूरा हो गया था। इसी दौरान जमीन के कुल पूर्व मालिकों ने 2005-06 के दौरान किए गए भूमि  अधिग्रहण को चुनौती देते हुए कोलकाता हाई कोर्ट में रिट पेटिशन दायर की।
  10. माननीय हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश द्वारा भूमि का कब्जा छोड़ने के विरूद्ध स्‍टे दे दिया। तथापि, पूरी जमीन एफटीडब्‍ल्‍यूपीएल के कब्‍जे में है। स्‍थानीय अशांति उत्‍पन्‍न न हो तथा उपयुक्‍त सावधानी बरतते हुए शेष 1200 मीटर चार दिवारी के निर्माण कार्य को बंद कर दिया था।
  11. रिट पेटिशन को स्‍वीकार करने संबंधी निर्णय कोलकाता हाई कोर्ट में लंबित है तथा कॉज लिस्‍ट में शामिल है। तथापि, मामला लंबित होने के कारण पेटिशन पर अभी सुनवाई होनी है, यद्यपि सभी पार्टियों ने लिखित रूप में अपना पक्ष रख दिया है।
  12. जुलाई 2016 में, प्रोजेक्‍ट एसपीवी ने पेटिशन की शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदनपत्र फाइल किया है।  कोर्ट ने 05 अगस्‍त 2016 को पेटिशन अनुमति प्रदान कर दी है। लंबित मुकदमों की अधिक संख्‍या होने के कारण पेटिशन पर अभी सुनवाई की जानी है। 
  13. लीज रेंट के लिए एचडीए को 36 करोड़ रूपए की एडवांस राशि का भुगतान किया जा चुका है तथा 3 करोड़ रूपए की राशि चार दिवारी के निर्माण पर 3 करोड़ रूपए की राशि खर्च की जा चुकी है।        

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


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अंतिम नवीनीकरण 18-04-2024