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- कंपनी रुपरेखा
- सिटिजन चार्टर
प्रस्तावना
स्टेक होल्डर नागरिक हैं और नागरिकों का कंपनी पर व्यापक रूप से महत्वपूर्ण असर तथा प्रभाव होता है ये कस्टमर से लेकर वेंडर, निवेशक, सहयोगी, साझेदार, सरकार से समाज तक होते हैं ।
एमएमटीसी के सिटिजन चार्टर में नागरिकों को सेवा प्रदान करना है इसमें अच्छे उत्पाद सेवा प्रदान करना शामिल है । अतिरिक्त फीडबैक मैकेनिज्म के माध्यम से सेवा में निरन्तर सुधार के लिए अपनी क्षमता को विकसित करना है ।
भाग । - सामान्य
- सिटिजन चार्टर का क्षेत्र
1.कंपनी के चार्टर मेनिकेस्टो हमारे नागरिकों को लागू कानूनी, सांविधिक और नियामक अपेक्षा के अनुरूप आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर अच्छे उत्पाद और सक्षम व उत्तरदायी सेवाओं को पूरा करने के लिए निरन्तर अच्छे उत्पाद और सक्षम व उत्तरदायी सेवाओं को पूरा करने के लिए सामर्थ्य को व्यक्त करता है ।
- एमएमटीसी के बारे में सामान्य सूचना
प्रस्तावना
मिशन
उद्देश्य
भाग ।। - प्रतिबद्धता
- उद्देश्य
एमएमटीसी का सिटिजन चार्टर का उद्देश्य प्रभावी सिटिजन कम्युनिकेशन चेनल के द्वारा उत्पादों और सेवाओं में सुधार क े लिए एक्सीलेंस को अपनाते हुए इसकी सभी प्रक्रियाओं पर सिटीजन उन्मुखी फोकस सुनिश्चित करना है तथा पारदर्शी और स्पष्ट व्यवसाय परिचालनों को व्यक्त करना है ।
1.कारपोरेट प्रतिबद्धता
एमएमटीसी पारदर्शी और सार्वजनिक सेवायें प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है । यह अपनी सेवाएं श्रेष्ठ गवर्नेंस के माध्यम से नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करता है । अपनी सेवाओं को और अधिक सक्षम बनाने के लिए अपनी जटिल नीतियों के बारे में बाताती है । इसको हासिल करने के लिए हम निम्नलिखित प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए हम निरंतर प्रयास करते रहेंगे ।
- विनिर्दिष्ट नियम में दिए गए मानकों और विशिष्टताओं के अनुसार अच्छी गुणवत्ता वाली सेवाएं/उत्पाद उपलब्ध कराना ।
- सहमत शर्तों और अनुसूची के अनुसार अपने उत्पादों/सेवाओं की सुपुर्दगी सुनिश्चित करना ।
- सभी स्तरों पर आवश्यकता के अनुरूप क्रियाशील और व्यवहारिक प्रशिक्षण के द्वारा विश्वस्तरीय मानव-संसाधन तैयार करना । नागरिक की अपेक्षाओं को पूरा करना और उनकी अपेक्षा से भी उपर उठने का प्रयास ।
- विनिर्दिष्ट मेकेनिज्म का पालन करते हुए नागरिकों की शिकायतों का समय पर निवारण करना ।
- नागरिकों से अपेक्षा
एमएमटीसी नागरिकों की विभिन्न श्रेणियों से निम्नलिखित अपेक्षा रखती है ।
आवधिक समीक्षाओं और वित्तीय प्रतिबद्धता में पूरी भागीदारी ।
उचित और युक्तिसंगत कार्यक्रम तथा तुरंत भुगतान का संकेत ।
उत्पाद/सेवा अनुदेशों का पालन और सामयिक रखरखाव प्रक्रिया।
हमें निर्णय लेने हेतु पूर्ण और सभी सूचना उपलब्ध कराना ।
वित्तीय लेन-देनों में उचित, पारदर्शी और सतत व्यापार व्यवहार/कोडों का अनुपालन ।
करारों/समझौता ज्ञापनों की शर्तों का अनुपालन ।
टेंडर और खरीद-आदेशों में समय और सुपुर्दगी की समय-सारणी का सख्ती से अनुपालन ।
कारपोरेट सामाजिक दायित्व और कारपोरेट सतत विकास नीति और पर्यावरण नीतियों के अंतर्गत दी गई सेवाओं को सराहना ।
सिटिजन चार्टर में बेहतर सेवा मानकों के निर्धारण हेतु कंपनी को सहयोग करने के लिए फीडबैक मेकेनिज्म के उपयोग में वृद्धि 1
अखण्डता संधि की सांझेदारी
भाग ।।। - नागरकि सेवा वितरण
एमएमटीसी पर प्रभाव और असर के आधार पर, नागरिमों की विभिन्न श्रेणियों की निम्नानुसार पहचान की हे :
- सरकार
- बैंकर्स
- शेयर होल्डर्स
- वेंडर और सप्लायर
- सोसायटी
- ठेकेदार
- संयुक्त उपक्रम-गठबंधन/साझेदार
- भारत के नागरिक
6. सेवा वितरण प्रक्रिया
वर्तमान नागरिक प्रबंधन प्रक्रिया में चार-स्तरीय मॉडल सेवसेत्तम मॉडल के तत्वों को शामिल किया गया है :
- प्रत्येक प्रभाग द्वारा नागरिकों की पहचान
- नागरिकों को प्रदत्त सेवा/उत्पादों की पहचान
- प्रत्येक सेवा/उत्पाद के मानक निर्धारण की पहचान
- उत्पाद/सेवा मानकों के संतोषजनक स्तर को मापने और उसका सुधारात्मक कार्यवाई के लिए फीडबैक् मेकेनिज्म तैयार करना ।
- कंपनी की नीतियां
7. नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कंपनी ने स्टेक होल्डरों की पहचान और प्रबन्धन के आधार पर एमएमटीसी ने नीतियों के व्यापक सेट को अपनाया है वितरण..................
8. एमएमटीसी ने नागरिकों को तुरंत पावती देने और शिकायत निवारण के लिए प्रयत्न करती है । नागरिक अपनी शिकायतें साधारण पत्र के माध्यम से या नजदीकी संपर्क स्थान पर टेलीफोन के द्वारा दर्ज कराने के लिए टेलीफोन की काल पर उपलब्ध अधिकारी नागरिकों से विस्तृत सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध करेगा ताकि शिकायतों का तुरंत निपटान हो सके ।
9. नागरिकों की शिकायतों के निपटारे के लिए समय-सारणी
1. नागरिकों की शिकायतों के निपटारे के लिए समय-सारणी - दो दिवस
2. पावती जारी/अंतरिम उत्तर - पांच दिवस
3. याचिकाकर्ता को अंतिम उत्तर - तीन सप्ताह
सिटीजन चार्टर और सेवा वितरण की समीक्षा
चार्टर की समीक्षा नागरिकों से प्राप्त फीडबैक और अनुभवों के आधार पर की जायेगी । समीक्षा में सुधार के अवसरों का अंाकलन और इनमें परिवर्तनों की आवश्यकता, जिसमें सेवा गुणवत्ता नीति और उद्देश्यों को भी शामिल किया जायेगा ।
11. सिटिजन चार्टर के संबंध में अग्र सक्रिय कार्रवाई के लिए नोडल आफीसर
श्री वी के पांडे
मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक)
फोन – 91-11- 24360676
ई मेल –vkp[at]mmtclimited[dot]com
12. कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों का संपर्क विवरण (यहां क्लिक करें)
एमएमटीसी नीतियां
अनुलग्नक ।
- कारपोरेट सामाजिक दायित्व नीति
- एमएमटीसी ने सितंबर 2006 में कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) की संरचनात्मक नीति के रूप में अपनाया । तदोपरांत सार्वजनिक उपक्रम विभाग (डीपीई) के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 9 अप्रैल 2014 के द्वारा सीएसआर पर जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों को अपनाया ।
- एमएमटीसी की टैगलाइन ''टचिंग लाइव्ज एडिंग वैल्यू'' हमारी कारपोरेट सामाजिक दायित्व नीति (सीएसआर) को समुचित रूप से परिभाषित करता है ।, सामाजिक रूप से जिम्मेदार कारपोरेट नागरिक की हैसियत से इसका दायित्व वित्तीय दायित्व से आगे सामाजिक दायित्वों को सामुदायिक जिम्मेदारियों के नए वातावरण के अनुरूप बनाना है ।
- एमएमटीसी सीएसआर के कार्य क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक पर्यावरणीय व सांस्कृतिक सुधार कार्यकलाप शामिल हैं । इतना ही नहीं सांविधिक प्रकृति तथा एमएमटीसी के परिधान स्थानों के नजदीक स्थानों विशेषकर पिछड़े क्षेत्रों में कल्याणकारी कार्यकलाप भी करती है । सामुदायिक विकास पर ध्यान फोकस किया जाता है ।
- एमएमटीसी ने सीएसआर को ईमानदारी, समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ निभाया है । पिछले पांच वर्षों में एमएमटीसी ने विभिन्न क्षेत्रों में कई सीएसआर कार्यकलापों को पूरा किया है ।
- आधारभूत विकास
- साक्षरता अभियान
- प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा
- सामुहिक क्रियाकलाप – प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत व पुनर्वास
- खनन क्षेत्रों में विशेषकर वनरोपण
- चैक डैम और जल संरक्षण परियोजना का निर्माण
- सरकार के विकास कार्यों में सहयोग प्रदान करना ।
- एमएमटीसी की सीएसआर नीति को सतत चालू रखने के लिए इसके कार्यकलाप कोर कंपीटेंसी, कम्युनिटी और बिजनेस एसोसिएट जिसके पास काफी संख्या में स्टेक होल्डर की पहुंच हो, पर आधारित है । इसके माध्यम से निचले स्तर के सहयोगियों को भी उपयोग बनाया जा सके और बिना किसी भेदभाव के सामाजिक न्याय के आदर्शों पर चलते हुए सीएसआर के उद्देश्यों को पूरा किया जा सके ।
एमएमटीसी ग्लोबल कम्पेक्ट सोसायटी, भारत का एक सदस्य है और संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल कम्पेक्ट का सक्रिय सदस्य है । ये संस्थायें विभिन्न भारतीय कम्पनियों को अपने अनुभव नेटवर्क बांटने और सीएसआर से संबद्ध कार्यों को एक साथ करने का मंच प्रदान करती है । हम एमएमटीसी में नीतिपरक कार्यों का बहुत महत्व देते हैं और यू एन ग्लोबल कम्पेक्ट के सिद्धांतों का समर्थन करते हैं ।
एमएमटीसी जन शिकायत निवारण
अनुलग्नक ।।
जन शिकायत निवारण मेकेनिज्म एमएमटीसी में 1999 से कार्य कर रहा है ।
1. उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य अच्छी, सक्षम, अखण्ड, प्रभावी और पारदर्शी जन सेवा की स्थापना करना है।
2. कार्यक्षेत्र
गलत कार्य करने वाले लोगों की पहचान और प्रक्रिया और सिस्टम को सुधारने के उद्देश्य से भ्रष्टाचार और/या शिकायत के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करना।
शिकायतों की प्रकृति और इसके कारणों का विश्लेषण नियमों, विनियमों, नीतियों, अनुदेशों, कार्य व्यवहार और प्रक्रियाओं में कमियों को सुनियोजित तरीके से पहचान की जा सके और इन कमियों को सुनियोजित तरीके से दूर/ठीक किया जा सके ।
- जन शिकायत निपटान के लिए प्रक्रिया
जब शिकायत निवारण अधिकारियों की कारपोरेट आफिस और क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनाती की गई है जो प्रत्येक बुधवार को दो घंटे 15.00 बजे से 17.00 बजे तक जनता की शिकायतों को लेंगे और सुनेंगे । बुधवार को अवकाश होने की स्थिति में अगला कार्य दिवस शिकायतों की सुनवाई और निपटान के लिए कार्यदिवस माना जायेगा ।
- पी जी ओ का नाम फोन नम्बर और सुनवाई का समय प्रमुखता से एमएमटीसी कार्यालय के स्वागत हाल/कक्ष में और एमएमटीसी की वेबसाईट पर प्रदर्शित किया गया ।
- पी जी ओ ऐसी प्राप्त जन शिकायतों का विश्लेषण करेगा और समस्या के उन क्षेत्रों की पहचान करेगा जिनमें नीतियों और प्रक्रियाओं में संशोधन किया जा सके ताकि सेवाओं का वितरण सुकर और तत्पर बनाया जा सके ।
- प्रत्येक शिकायत उचित, उद्देश्यपरक और सही तरीके से निपटान करना और प्रत्येक शिकायत का तर्कसंगत उत्तर देना ।
- कोई भी शिकायत बिना विस्तृत जांच के निरस्त नहीं की जायेगी ।
- प्राप्त शिकायतों का निपटान प्राप्ति की तिथि से 30 दिन के भीतर कर दिया जायेगा ।
- प्राप्त प्रत्येक शिकायत की पावती 10 दिन के भीतर दे दी जायेगी जिसमें मामलों का निपटान करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम और टेलीफोन नं0 दिया गया हो ।
- वर्ष के दौरान मिली शिकायत निपटान किए गए मामलों का रखरखाव कारपोरेट कार्यालय और क्षेत्रीय कार्यालय में एक रजिस्टर में संलग्न फार्मेट में कारपोरेट कार्यालय में नोडल अधिकारी को प्रतयेक माह की 7 तारीख तक भेज दी जायेंगी ताकि उनको वाण्ज्यि विभाग, वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय भारत सरकार को आगे भेजी जा सके ।
समीक्षा
जन शिकायत निवारण मेकेनिज्म के निष्पादन की अर्थपूर्ण समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए मु.म.प्र. म.प्र. जोन/क्षेत्र के प्रभारी के स्तर पर प्राप्त और निपटायी गई शिकायतों की तिमाही समीक्षा की जायेगी । इसी तरह कारपोरेट कार्यालय में भी म.प्र./मु.म.प्र.(कार्मिक) द्वारा तिमाही समीक्षा की जायेगी । जन शिकायतों की समीक्षा छ: माह में एक बार निदेशक(का.) स्तर पर की जायेगी जो निदेशक, जन शिकायत के रूप में कार्य करेंगे । जन/कर्मचारी शिकायतों का निपटान करने वाले अधिकारियों की डायरेक्टरी उपलब्ध है (क्लिक करें)
''सहायता'' एमएमटीसी कर्मचारी शिकायत निवारण प्रकिया 2008
अनुलग्नक ।।।
1. शीर्षक व आरम्भ
एमएमटीसी कर्मचारी शिकायत निवारण प्रक्रिया 1999 को नये सिरे से इस उद्देश्य से तैयार किया गया है ताकि कर्मचारियों को कम से कम समय में कर्मचारियों की शिकायतों के निपटारे के लिए औपचारिक तंत्र उपलब्ध हो । संशोधित योजना 1 अक्तूबर 2008 से प्रभावी है ।
2. उद्देश्य
3. प्रयोज्यता
इस योजना में बोर्ड से एक स्तर नीचे अधिकारी को छोड़कर सभी कर्मचारी शामिल हैं । ये अधिकारी अपनी शिकायतों को सीधे संबंधित निदेशक या सी एम डी को दे सकते हैं ।
4. कार्य क्षेत्र
- वेतनवृद्धि
- देय की वसूली
- कार्यदशा
- क्वार्टर का आबंटन
- वरिष्ठता
- अवकाश
- स्थानांतरण
- वेतन निर्धारण
- चिकित्सा सुविधा
- नियमों की व्याख्या
5. शिकायतों के निपटान के लिए प्रक्रिया
( i) स्टेज -1
पीडित कर्मचारी अपनी शिकायत मौखिक रूप में अपने सीनियर को देंगे जो व्यक्तिगत सुनवाई के बाद अपने स्तर पर एक सप्ताह में हल करने का प्रयास करेंगे।
या
कर्मचारी खंड-4 में क्षेत्र के संबंध में किसी शिकायत को लिखित में फार्म-1 में मनोनीत कर्मचारी शिकायत अधिकारी, कारपोरेट कार्यालय/क्षेत्रीय कार्यालय को विवरण के साथ दे सकता है। वरिष्ठ प्रबंधक/प्रबंधक(का./आईआर) कारपोरेट कार्यालय/क्षेत्रीय कार्यालय में कर्मचारी शिकायत अधिकारी मनोनीत किया जाएगा। मनोनीत कर्मचारी शिकायत अधिकारी शिकायतों को लेकर उसकी पावती देंगे। उसके बाद शिकायत अधिकारी जांच पडताल करके मामले को अनुभागीय/प्रभागीयप्रमुख को लिखित में देंगे। इसके लिए जरूरी सूचना एकत्र करके संबंधित कर्मचारी की शिकायत मिलने से 10 दिन के भीतर इसका उत्तर दे देंगे।
( iii) स्टेज -1।
यदि कोई कर्मचारी, कर्मचारी शिकायत अधिकारी से मिले जवाब से संतुष्ट नहीं होता है या विनिर्दिष्ट अवधि में उसे जवाब नहीं मिलता तो वह लिखित में फार्म-।। में का.का./क्षे.कार्यालय में शिकायत कमेटी को प्रस्तुत कर सकता है। फार्म-।। में वह इस बात का उल्लेख करे कि उसे उत्तर नहीं मिला या यदि वह शिकायत अधिकारी से मिले जवाब से संतुष्ट नहीं है तो उसका कारण दें।
जांच कमेटी शिकायत की जांच पडताल करेगी और सदस्य सचिव कमेटी का निर्णय शिकायत मिलने की तिथि से 3 सप्ताह के भीतर भेज देंगे। कमेटी की बैठक की कार्यवाही का कार्यवृत्त बनाया जाएगा। यदि कर्मचारी इससे संतुष्ट नहीं होता है तो वह कारपोरेट कार्यालय की अपेक्स कमेटी को सूचना मिलने के 10 दिन के भीतर अपील कर सकता है। इसी प्रकार कारपोरेट कार्यालय /क्षेत्रीय कार्यालय की शिकायत कमेटी यदि इस पर विचार करती है और अपना मत देती है कि शिकायत को अपेक्स स्तर पर जांच पडताल की आवश्यकता है तो उसकी बैठक से 10 दिनों के भीतर बैठक के कार्यवृत्त के साथ शिकायत को भेज देनी चाहिए। इसके साथ अपेक्स कमेटी में निपटान का कारण भी देना आवश्यक है।
शिकायत कमेटी में मुख्य महाप्रबंधक(कार्मिक)/महाप्रबंधक(कार्मिक)/महाप्रबंधक/
उपमहाप्रबंधक-वित्त जो कार्मिक प्रभाग का कार्य देख रहे हैं, के साथ इसके सदस्यों के रूप में कमोडिटी प्रभाग से मुख्य महाप्रबंधक/महाप्रबंधक स्तर का अधिकारी शामिल होगा । आईआर का कार्य देखने वाले महाप्रबंधक/मुख्य महाप्रबंधक इस कमेटी के सदस्य-सचिव होंगे। क्षेत्रीय कार्यालयों में कमेटी के प्रमुख क्षेत्रीय कार्यालय के प्रभारी होंगे तथा वित्त व कमोडिटी के प्रमुख इसके सदस्य होंगे। क्षेत्रीय कार्यालय में कार्मिक प्रभाग के प्रमुख कमेटी के सदस्य सचिव होंगे। इस कमेटी की अवधि इसके आरंभ होने से दो वर्ष की होगी और इनके अधिक प्रसार के िलए (समय-समय पर अधिसूचित किया जाएगा)।
6. अपेक्स कमेटी
इस कमेटी में निदेशक (कार्मिक), निदेशक (वित्त) और एक निदेशक (विपणन) रोटेश्नल आधार पर एक वर्ष की अवधि के बाद मनोनीत किए जाएंगें। मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक)/कार्मिक प्रभाग का प्रभागीय प्रमुख कारपोरेट कार्यालय में इसका सदस्य सचिव होगा। कमेटी शिकायत िमलने की अवधि से एक माह के भीतर जांच करेगी और कर्मचारी को शिकायत पर अपना निर्णय देगी। अपेक्स कमेटी का निर्णय अंतिम और बाध्य होगा। अपेक्स कमेटी का निर्णय अंतिम और बाध्य होगा। अपेक्स कमेटी के निर्णय को सदस्य सचिव िनर्णय देने की तिथि से 15 दिन के भीतर संबंधित कर्मचारी को उसकी सूचना देगा।
यदि कर्मचारी चाहता है और जांच कमेटी ऐसा समझती है कि व्यक्तिगत शिकायत से शिकायत का निवारण हो सकता है तो अपेक्स कमेटी संबसंधित कर्मचारी की व्यक्तिगतसुनवाई कर सकती है।
7.सामान्य
-कर्मचारी अपनी शिकायत तुरंत दे सकता है और हर हालत में इसके घटित होने से तीन माह के भीतर देना अनिवार्य है।
-पीडित कर्मचारी उसी क्षेत्रीय कार्यालय/कारपोरेट कार्यालय जहां वह कार्य करता है के िकसी सह-कर्मचारी की सहायता ले सकता है।–विलम्बके कारण के साथ, यदि कोई है, एक अनन्तिम जवाब दे दिया जाएगा यदि अंतिम जवाब में किसी स्तर पर देरी की संभावना है।
- यदि विचारार्थ कोई एजेंडा है तो कारपोरेट कार्यालय/क्षेत्रीय कार्यालय में शिकायत कमेटी की माह में कम से कम एक बैठक होना आवश्यक है।
- शिकायत कमेटी शिकायतों का विश्लेषण भी करेगी जिसकी संस्तुति के आधार पर नियमों/सुविधाओं/नीतियों में संशोधन/समीक्षा की जाएगी।
- शिकायत कमेटी/अपेक्स कमेटी, यदि आवश्यक माने तो, किसी क्षेत्रीय कार्यालय/कारपोरेट कार्यालय में प्रभाग से किसी कर्मचारी को को-ओप्ट कर सकती है।
- समस्या का समाधान/निवारण बोर्ड/सीएमडी द्वारा अनुमोदित नियमों और नीतियों के फ्रेमवर्क के भीतर ही किया जाएगा।
- पीडित कर्मचारी योजना में दिए गए मासध्यम के अलावा अन्य किसी चैनल से शिकायत लम्बित होने के दौरान किसी भी स्तर नहीं करेगा।
- यदि शिकायत प्रबंधन के आदेश के कारण होती है तो उक्त आदेश का अनुपालन संबंधित कर्मचारी द्वारा शिकायत के निवारण के लिए विनिर्धारित प्रक्रिया को आरंभ करने से पूर्व करना जरूरी है।
- पिछली कमेटी द्वारा लिए गए निर्णय के विरूद्ध कर्मचारी के अभ्यावेदन पर विचार नहीं किया जाएगा और जिन पर निर्णय हो चुका उनको फिर से नहीं खोला जाएगा।
- सभी शिकायतों को कारपोरेट कार्यालय/क्षेत्रीय कार्यालय में रखे गए रजिस्टर में प्रविष्टि की जाएगी। सभी शिकायतों का नम्बर देकर उसकी पावती दी जाएगी।
- प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय, कारपोरेट कार्मिक प्रभाग द्वारा तैयार निर्दिष्ट फार्मेट में सभी शिकायतों और उस पर की गई कार्रवाई की छमाही रिपोर्ट भेजेंगे। कारपोरेट कार्यालय का कार्मिक प्रभाग सभी शिकायतों और इस पर की गई कार्रवाई की एक वार्षिक रिपोर्ट सीएमडी को प्रस्तुत करेंगे।
- योजना की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी। अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक अपने विवेक से योजना को अनुमोदित, संशोधित कर सकता है।
लोक/कर्मचारी शिकायत को देखने वाले अधिकारियों की निदेशिका उपलब्ध है। (क्लिक करें)
सूचना अधिकार अधिनियम, 2005
अनुलग्नक IV
उद्येश्य:
आरटीआई का उद्येश्य गवर्नेंस में पारदर्शिता लाना और देश के नागरिकों की उन सूचनाओं तक पहुंच लाना है जो प्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध हैं । ताकि उनको समय-सीमा में आवेदनों को निपटाने की प्रक्रिया तेज की जा सके।
कार्यक्षेत्र:
इस अधिनियम का स्कोप है कि प्रत्येक नागरिक इस अधिनियम के माध्यम से संबंधित प्राधिकरण से अपेक्षित सूचना प्राप्त कर सके। और उनकी शिकायत का निवारण हो सके। उसकी सूचना तथा ज्ञान के लिए मामले पर की गई कार्रवाई की स्थिति की जानकारी ले सके। यह अधिनियम भारत का ऐसा अधिनियम है जो जनतांत्रिक व्यवस्था में नागरिकों के लिए सुकर है और नागरिकों की अपेक्षाओं के अनुरूप है।.
आरटीआई अधिकारी:
एमएमटीसी में एक अपीलीय प्राधिकारी, एक पादर्शिता अधिकारी, एक नोडल केंद्रीय जनसूचना अधिकारी है। इसमें 18 जनसूचना अधिकारी और 13 सहायक जनसूचना अधिकारी हैं। संलग्न सूचनी में अधिकारियों के नाम दिए गए हैं। आरटीआई अधिनियम की धारा 4 के अनुसार एमएमटीसी अपनी वेबसाइट पर सूचना को प्रदर्शित करती है और समय-समय पर सूचना अद्यतन की जाती है। पीआईओएस के नाम और संपर्क विवरण उपलब्ध हैं (यहां क्लिक करें)